हरसाल लाखों लोग बाबासाहब आंबेडकर को अभिवादन करने के लिए चैत्यभूमि पर आते है, लेकिन मिडीया की स्क्रीन पर ये भीड है ही नही।डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिन के मौके पर उन्हे अभिवादन करने आयी ये लाखों की भीड हर साल दो दिन में दस करोड से ज्यादा रुपयों की किताबें खरिदती है। बाबासाहब से इस जनता का ये प्यार और लगाव आखिर क्यों है? जानेमाने लेखक और बाबासाहब की जीवनी के अभ्यासक ज वि पवार से बात की है मॅक्समहाराष्ट्र के संपादक रवींद्र आंबेकर ने